कैसा है रूस का नया लड़ाकू विमान चेकमेट, क्या भारत इसे खरीदेगा?

कैसा है रूस का नया लड़ाकू विमान चेकमेट, क्या भारत इसे खरीदेगा?
Photo Source: Wikimedia Commons

अमेरिका और नाटो देशों के साथ बढ़ती तनातनी के बीच रूस लगातार अपनी सामरिक ताकत बढ़ाने मे लगा हुआ है। इसी क्रम मे रूस ने कुछ दिन पहले चेकमेट नाम से एक नए लड़ाकू विमान को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया था। इसके बारे मे कहा जा रहा था कि यह पाँचवी पीढ़ी का एक स्टेल्थ लड़ाकू विमान होने वाला है।

रूस ने लगभग चार महीने पहले इस लड़ाकू विमान का अनावरण किया था, लेकिन अब दुबई एयर शो से इस विमान की कुछ नई तस्वीरे सामने आई हैं। इसके बाद से ही यह विमान एक बार फिर चर्चा में या गया है। गौरतलब है कि रूस अपने इस नए विमान को भारत और चीन को बेचने का भी ऑफर दे चुका है। ऐसे मे भारत मे भी लोग इस विमान के बारे मे जानने के लिए उत्सुक हैं।

आइए जानते हैं कैसा है रूस का नया चेकमेट विमान और यह भारत के लिए कितना कारगर साबित हो सकता है –

नए विकसित किए गए इस लड़ाकू विमान का पूरा नाम SU-75 चेकमेट है, जो कि रूस के ही पुराने SU-57 Flanker पर आधारित बताया जा रहा है। हालांकि दोनों ही विमानों में कुछ बुनियादी अंतर हैं। जहां SU-57 Flanker एक पाँचवीं पीढ़ी का दो इंजनों वाला हेवीवेट लड़ाकू विमान है, तो SU-75 चेकमेट एक हल्का सिंगल इंजन का विमान है। हालांकि इसे SU-57 Flanker के उत्तराधिकारी के रूप में ही देखा जा रहा है।

चेकमेट के तकनीकी स्पेशिफिकेशन कैसे हैं –

रूस द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि चेकमेट की लंबाई 57 फुट जबकि चौड़ाई 39 फुट है। जबकि SU-57 Flanker 66 फुट लंबा और 46 फुट चौड़ा है। चेकमेट 2200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने मे सक्षम है और यह 2800 किलोमीटर की रेंज के साथ आने वाला है। इस गति के साथ यह विमान 57000 फुट की ऊंचाई तक उड़ान भरने मे सक्षम है।

रूस का दावा है कि यह विमान अपने साथ 7400 किलोग्राम हथियारों को ले जा सकता है। इसके लिए इस विमान में पाँच हार्ड पॉइंट बनाए गए हैं, जिनमें से तीन विमान के अंदर और दो बाहर हैं। इस विमान के पंखों पर छः अन्य पॉइंट्स भी हैं, जहां अन्य हथियारों या अतिरिक्त ईंधन टैंक को लगाया जा सकता है।

चेकमेट की सबसे बड़ी खासियत है इसका वेपन बे। दरअसल वेपन बे, किसी लड़ाकू विमान के अंदर वह जगह होती है जहां वह अपने हथियारों को छुपा कर रखता है। वेपन बे के कारण विमान को रडार पर पकड़ना काफी मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि इस विमान को रूस द्वारा पाँचवीं पीढ़ी के विमानों की श्रेणी मे रखा गया है।

चेकमेट में कौनसे हथियार लगाए जाएंगे?

दुबई एयर शो मे इस विमान के पास रखे गए डिस्प्ले मे बताया गया है कि यह अपने साथ R-73 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल, R-77 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल और KH-59 MK एंटी-शिप क्रूज मिसाइल ले जा सकता है। इसके अलावा यह विमान अपने साथ मिसाइल के आकार के ड्रोन भी ले जा सकेगा, जो रूस द्वारा विशेष रूप से इसी विमान के लिए विकसित किए जा रहे हैं।

रूस ने भारत को दिया चेकमेट खरीदने का ऑफर –

रूस द्वारा पहले जारी किए गए आधिकारिक वीडियो मे बताया गया था कि इस विमान को निर्यात के लिए ही बनाया गया है। ऐसे में रूस द्वारा संयुक्त अरब अमीरात, भारत, वियतनाम और अर्जेन्टीना को इस विमान का ऑफर दिया है। रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव द्वारा कुछ समय पहले कहा गया था कि निश्चित रूप से यह विमान अफ्रीकी देशों, भारत और वियतनाम को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।

क्या भारत इस विमान को खरीदेगा?

रूस ने अनुमान लगाया है कि आने वाले समय मे ऐसे 300 से ज्यादा लड़ाकू विमान बेचे जाएंगे। रूसी सूत्रों ने भारत को इसका एक संभावित खरीदार बताया है। भारत पहले भी रूसी लड़ाकू विमानों का उपयोग करता रहा है। भारतीय वायुसेना में इस समय सुखोई 30 MKI, मिग 21 और मिग 29 जैसे लड़ाकू विमान कार्यरत हैं। हालांकि फिर भी यह कहना मुश्किल ही है कि भारत इस विमान को खरीदेगा। दरअसल यह हमारी वायुसेना के विशेषज्ञों पर निर्भर करता है कि वे इस विमान को कितना महत्व देते हैं।

यहाँ दो चीजें ध्यान देने योग्य हैं – पहली यह कि भारत पहले ही SU-57 Flanker के विकास कार्यक्रम से अपने हाथ पीछे खींच चुका है, जिस पर यह विमान आधारित बताया जा रहा है। दूसरी यह कि कुछ समय पहले ही भारत अपनी MMRCA डील में रूसी मिग 35 विमानों को नकार चुका है।

ऐसे मे यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत कि इस विमान को खरीदने को लेकर क्या प्रतिक्रिया रहती है। हालांकि हम इस बात को लेकर पूरी तरह से निश्चिंत हैं कि हमारी वायुसेना के लिए विशेषज्ञ सर्वश्रेष्ठ को चुनेंगे। राफेल के मामलें में हम यह देख भी चुके हैं।