NFT: डिजिटल संपत्ति का नया रूप

✍️  अमृत राज झा

NFT जिसका पूरा नाम Non Fungible Tokens है, जो की एक डिजिटल संपत्ति का रूप है। वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व डिजिटलीकरण की ओर अग्रसर है, जिनमें भारत भी अहम भूमिका निभा रहा है। जहां एक ओर डिजिटलीकरण की हवा ने शिक्षा, व्यापार, खेल–कूद एवं विभिन्न सेवाओं को ऑनलाइन कर एक नया आयाम प्रस्तुत किया वहीं अब डिजिटलाइज्ड संपत्ति भी उभर कर सामने आ रही है।
NFT: डिजिटल संपत्ति का नया रूप
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NFT क्या है?

NFT एक क्रिप्टो ग्राफिक टोकन है, जो दुनिया में मौजूद किसी खास वस्तु को दर्शाता है। प्रत्येक NFT टोकन का मूल्य अलग अलग है क्योंकि प्रत्येक कला भी एक दूसरे से अलग होता है। NFT एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा किसी भी अनोखे वस्तु को ब्लॉकचेन प्रणाली में पंजीकृत करवाया जा सकता है। प्रत्येक NFT का स्वामित्व सर्टिफिकेट ब्लॉकचेन के माध्यम से गुप्त रखा जाता है और इसका एक अलग पता भी होता है। गेमिंग के क्षेत्र में NFT अत्यधिक विकसित है, और ये एक ऐसी संपत्ति है जिसे हम मात्र देख सकते हैं।

NFT का विस्तार

E– कॉमर्स के क्षेत्र में समय के साथ साथ NFT तेजी से संपूर्ण बाजार पर अपना प्रभाव बना रहा है। NFT एक ऐसी संपत्ति है जिसका मालिकाना हक एक समय में मात्र एक ही व्यक्ति के पास रह सकता है। दुनिया में उपलब्ध किसी भी अनोखे एवं सीमित वस्तु को NFT द्वारा क्रिप्टो करेंसी से खरीदा या बेचा जा सकता है फिर चाहे वो एक छवि हो, गेम के कैरेक्टर हो या फिर संगीत इत्यादि हो। भारत में भी NFT चर्चा का विषय बनता हुआ नजर आ रहा है, हाल ही में 2011 क्रिकेट विश्व कप जिताने वाली भारतीय टीम द्वारा किए गए हस्ताक्षर वाले बैट की कीमत NFT के नीलामी के माध्यम से 25000 डॉलर तय हुई जो की भारतीय मुद्रा में करीब 18 लाख है।

आने वाले समय में NFT की भूमिका

आगामी समय में NFT द्वारा विश्व के आर्थिक ढांचे का मार्गदर्शन करते हुए नजर आने की संभावना है। NFT एक ऐसी डिजिटल संपत्ति है जिसका निर्माण ब्लॉकचेन प्रणाली द्वारा किया जाता है, इसी प्रणाली द्वारा बिटकॉइन का भी निर्माण किया गया है। भविष्य में डिजिटल संपत्ति की सुरक्षा एक अहम विषय है, साइबर क्राइम द्वारा प्रति वर्ष करोड़ों लोगों के खाते को हैक कर मनमानी राशि हैकर्स द्वारा निकाल लिए जाते हैं। इन्हीं सुरक्षा समस्याओं के लिहाज से NFT भविष्य में एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में जनता को आकर्षित करेगी, क्योंकि ब्लॉकचैन प्रणाली के प्रत्येक प्वाइंट को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। NFT की खरीद एवं बिक्री क्रिप्टो मुद्रा द्वारा होती है और क्रिपटो के विनिमय पर किसी भी प्रकार का कोई कर भी नहीं लगता है। वैश्विक एवं भारतीय निवेशकों के NFT में निवेश की दर प्रति वर्ष बढ़ते जा रही हैं और ये NFT के भविष्य के लिए ग्रीन सिग्नल साबित हो सकता है।