डाटा सुरक्षा एक बड़ी समस्या

 अमृत राज झा

भारत देश जो डिजिटल इंडिया बनने के राह पर लगातार प्रगति किए जा रहा है वहीं भारतवासी अपनी निजी डाटा की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। डिजिटल युग में लोगों का निजी डाटा ही उनकी अमूल्य संपत्ति है परंतु डाटा सुरक्षा पर लगातार उठते हुए सवाल लोगों के मन में निजी डाटा को लेकर डर पैदा करता हुआ नजर आ रहा है।
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निजता के अधिकार का उल्लंघन:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद–21 के अनुसार भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को निजता का पूर्ण अधिकार है परंतु डिजिटल मंच पर आये दिन इस अधिकार का खण्डन किया जा रहा है। पेगासस जैसे स्पाइवेयर से भारत की जनता ही नही बल्कि स्वयं मंत्रीगण भी परेशानी में हैं। सरकार को डाटा का मोल समझना चाहिए और इस अधिकार के बचाव में जल्द से जल्द नया कानून लाया जाना चाहिए।

पेगासस जासूसी का मैटर क्या है? :

पेगासस एक इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर है जिसे वहीं की एक सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है। यह जासूसी सॉफ्टवेयर स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के फोन में जाकर उस फोन से जुड़ा सम्पूर्ण निजी डाटा को बिना उपयोगकर्ता के अनुमति के अपने डाटा सेंटर तक पहुंचाता है। पेगासस से मात्र इतना ही खतरा नहीं है बल्कि एक बार पेगासस के फोन में आ जाने से वह उस फोन को अपने तरीके से कंट्रोल कर सकता है।

डाटा सुरक्षा एक बड़ी समस्या
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निजता के अधिकार की जरूरत क्यों? :

प्रत्येक भारतवासी को स्वतंत्रता का पूर्ण अधिकार है परंतु बिना निजता के सुरक्षा का इसका कोई मतलब नहीं रह जाता। डाटा चोरी का असर मात्र लोगों के मानसिक स्थिति पर ही नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति पर भी पर रहा है। दिन प्रति दिन साइबर क्राइम के केस बढ़ते जा रहे हैं और लोग अपने मेहनत के लाखों रुपए खो रहे हैं। स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनियां अपने निजी फायदे के लिए लोगों का डाटा चोरी कर बेचती है। डाटा का सुरक्षित न होना लोगों के मानसिक तनाव का बड़ा कारण बनता हुआ नजर आ रहा है इसीलिए ये जरूरी है की सरकार जल्द से जल्द डाटा सुरक्षा से जुड़ा नया कानून लाए।