रूस और यूक्रेन के बीच जंग खतरनाक मोड पर पहुँच गई है। जहां एक और आम लोगों की जान इस जंग में जा रही है तो दूसरी ओर दोनों ही देशों को आर्थिक हानि का भी सामना करना पड़ रहा है। हालांकि यह जंग यूक्रेन की धरती पर लड़ी जा रही है, ऐसे में यूक्रेन को इसकी काफी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। रूस के हवाई हमलों में यूक्रेन के की शहरों में जान और माल का काफी नुकसान देखने को मिल रहा है। यूक्रेन के शहरों के की इलाके खंडहरों में बदल गए हैं।
इस तरह के एक रूसी हमलें में दुनिया का सबसे बड़ा विमान AN-225 मरिया भी तबाह हो गया है। AN-225 मरिया यूक्रेनी की कंपनी एन्टोनोव ने बनाया था और यह अपनी तरह का दुनिया का इकलौता विमान था।
ब्रिटिश अखबार डेली स्टार ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि AN-225 मरिया (The Antonov AN-225 aircraft) दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज था। रिपोर्ट के मुताबिक 25 फरवरी को रूसी सेना ने हॉस्टोमल एयरफील्ड पर अपने कब्जे के दौरान इस विमान को नष्ट कर दिया।
विमान के नष्ट किये जाने की खबरें सामने आने के बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्विटर पर एंटोनोव-225 की एक तस्वीर ट्वीट की और लिखा, “यह दुनिया का सबसे बड़ा विमान, एएन-225 ‘मरिया’ (यूक्रेनी में ‘ड्रीम’) था। हो सकता है रूस ने हमारी ‘मरिया’ को नष्ट कर दिया हो। लेकिन वे कभी भी एक मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूरोपीय राज्य के हमारे सपने को नष्ट नहीं कर पाएंगे। हम प्रबल होंगे!”
This was the world’s largest aircraft, AN-225 ‘Mriya’ (‘Dream’ in Ukrainian). Russia may have destroyed our ‘Mriya’. But they will never be able to destroy our dream of a strong, free and democratic European state. We shall prevail! pic.twitter.com/TdnBFlj3N8
— Dmytro Kuleba (@DmytroKuleba) February 27, 2022
हालांकि विमान के नष्ट होने की तकनीकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। विमान को संचालित करने वाली कंपनी ने कहा है कि वह विमान की तकनीकी स्थिति को तब तक सत्यापित नहीं कर सकती जब तक कि विशेषज्ञों द्वारा इसका निरीक्षण नहीं किया जाता।
कैसा था AN-225 मरिया?
मरिया 84 मीटर लंबा (276 फीट) और यह 850 किलोमीटर प्रति घंटे (528 मील प्रति घंटे) की गति से 250 टन (551,000 पाउंड) सामान ले जा सकता था। इस विमान को 1980 के दशक में डिजाइन किया गया था। इसे उड़ाने के लिए छः टर्बोफैन इंजन लगे थे और इसका अधिकतम वजन 250 टन तक था।
एन्टोनोव AN-225 मरिया (Antonov AN-225 Mriya) के नाम कई रिकॉर्ड भी हैं। इनमें सबसे भारी एयरक्राफ्ट, सबसे बड़े विंगस्पैन, सबसे ज्यादा कार्गो 640 टन वजन उठाने का, सबसे बड़ा मालवाहक विमान होने का रिकॉर्ड शामिल है। इस विमान को उड़ाने के लिए 6 क्रू की जरूरत होती है।
इसमें एक बार में 3 लाख किलोग्राम ईंधन भरा जा सकता है। पूरा ईंधन भरे जाने के बाद यह लगातार 15,400 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है।
रिपोर्टों के अनुसार, कीव स्थित एंटोनोव कंपनी द्वारा केवल एक An-225 का निर्माण किया गया था। इसने पहली बार 1988 में उड़ान भरी थी और तब से यह सेवा में है। दूसरे विमान का निर्माण भी शुरू किया गया था, लेकिन यह कभी पूरा नहीं हो पाया।
स्पेस शटल लॉन्च करने के उद्देश्य से बनाया गया था मरिया
AN-225 मरिया को अंतरिक्ष में शटल लॉन्च करने के लिए बनाया गया था। हालांकि सोवियत यूनियन के टूटने के बाद मरिया को कार्गो की तरह इस्तेमाल में लिया जाने लगा। इसके ऊपर बूरान श्रेणी के ऑर्बिटर लगाए जाने थे। इसके द्वारा एनर्जिया रॉकेट बूस्टर्स को उठाया जाना था। यह सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा था।
दोबारा बनाने में लगेंगे हजारों करोड़ रुपये
वैमानिक विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि इस विमान को दोबारा से बनाने में लगभग 22 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वहीं इसके लिए पाँच सालों का समय भी लगने वाला है। एन्टोनोव को मैनेज करने वाली यूक्रेनी कंपनी यूक्रोबोरोनप्रोम ने विमान को फिर से बनाने के लिए रूस से मुआवजे की मांग की है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अगर मॉस्को से पैसे मिलते हैं तो विमान को फिर से बनाया जा सकता है।