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फोटो स्रोत: Pixabay |
एक शिकारी ने जंगल में पक्षी पकड़ने के लिए अपना जाल लगाया हुआ था। उस जाल में एक बूढ़ा पक्षी फंस गया।
अपनी जान को खतरे में देखकर उस बूढ़े पक्षी ने कहा, मैं तुम्हारे किसी काम का नहीं हूँ, मैं बूढ़ा हो चुका हूँ और मृत्यु के करीब हूँ। ना ही मैं गा सकता हूँ और ना ही मेरी आवाज में वो मधुरता है। मुझे पकड़ कर तुम क्या करोगे? लेकिन यदि तुम मुझे छोड़ दो तो मैं सुखमय जीवन जीने के लिए जरूरी तीन सूत्र तुम्हें बता सकता हूं।
उस शिकारी ने पक्षी से कहा कि मैं तुम्हारा भरोसा क्यों करूँ। क्या पता मैं तुम्हें छोड़ दूँ और तुम मुझे बिना कुछ बताए ही उड़ जाओ।
बूढ़े पक्षी ने जवाब दिया कि पहला सूत्र मैं तुम्हारे हाथ में ही तुम्हें बता दूंगा। अगर तुम्हें अच्छा लगे, तो तुम मुझे छोड़ देना। दूसरा सूत्र मैं पेड़ पर बैठ कर बता दूंगा और तीसरा सूत्र जब मैं आकाश में उड़ जाऊंगा तब बताऊँगा।
शिकारी ने देखा कि पक्षी सच में बूढ़ा था, ना ही उसकी आवाज में कोई मधुरता न थी। वह बाजार में बेचा भी नहीं जा सकता था और जल्दी ही मरने वाला भी था। उसे पकड़ कर रखने की कोई जरूरत भी न थी।
शिकारी ने उस पक्षी की बात मान ली और कहा कि तुम पहला सूत्र मुझे बता दो उसके बाद मैं तुम्हें छोड़ दूंगा।
पक्षी का पहला सूत्र था कि मैंने जीवन में उन लोगों को हमेशा दुखी देखा है जो बीती हुई बातों को याद रखते हैं और उन लोगों को मैंने आनंदमय जीवन जीते देखा है जो बीती हुई बातों को भूल जाते हैं और वर्तमान में जीते हैं। यह पहला सूत्र है।
पक्षी ने कहा, दूसरा सूत्र यह है कि कभी ऐसी बात पर यकीन नहीं करना चाहिए जो तर्कसंगत ना हो, जो विचार के प्रतिकूल हो, जो सामान्य विज्ञान के नियमों के विपरीत हो। ऐसी बातों पर विश्वास करने वाला व्यक्ति भटक जाता है और बाद में दुखी होता रहता है।
इसके बाद वह पक्षी आकाश में उड़ गया और उड़ते-उड़ते बोला, मेरे शरीर में दो बहुमूल्य हीरे हैं। अगर तुम मुझे ना छोड़ते और मेरे शरीर से वो दोनों हीरे निकाल लेते तो अमीर हो जाते। तुमने मुझे छोड़कर बहुत भारी भूल की है।
वह शिकारी उदास हो गया। लेकिन पक्षी तो आकाश में उड़ चुका था। शिकारी ने उदास और हारे हुए मन से कहा, खैर कोई बात नहीं, लेकिन कम से कम तीसरा सूत्र तो दे दो।
मैंने तुमसे दूसरा सूत्र कहा था कि जो तर्कसंगत ना हो, सामान्य विज्ञान के अनुकूल न हो, उसे कभी मत मानना। तुमने यह बात मान ली कि पक्षी के शरीर में हीरे हो सकते हैं और तुम उसके लिए दुखी हो रहे हो। क्षमा करो, तीसरा सूत्र मैं तुम्हें बताने को अब राजी नहीं हूं। क्योंकि जब दो सूत्रों पर ही तुमने कोई अमल नहीं किया, कोई विचार नहीं किया, तो तीसरा भी व्यर्थ के हाथों में चला जाएगा।