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फोटो स्रोत: विकीमीडिया कॉमन्स |
भारत की रक्षा अनुसंधान एजेंसी डीआरडीओ ने भारतीय रक्षा पंक्ति को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। डीआरडीओ ने भारत की सेनाओं के लिए अलग अलग तरह के कई घातक हथियारों का निर्माण किया है। आज हम ऐसे ही एक हथियार के बारे में बात करेंगे जिसके निर्माण के बाद देश को इसके लिए अमेरिका और इजराइल जैसे देशो की ओर नहीं देखना पड़ेगा।
हम बात कर रहें हैं डीआरडीओ द्वारा देश में ही विकसित की गई एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग (Naag ATGM) की। हाल ही में डीआरडीओ ने राजस्थान के पोखरण रेंज में इस मिसाइल के अंतिम टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इस टेस्ट के बाद नाग मिसाइल भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई है।
जल्द ही इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। तब यह देश के दुश्मनों के टैंकों पर काल बनकर टूटेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल के सेना में शामिल होने से सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
आइए जानते है नाग मिसाइल की खासियतों के बारे में:
- नाग पूरी तरह से देश में निर्मित एक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) है जिसका निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया है।
- नाग का विकास “इंटीग्रेटेड गाइडिड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP)” के तहत किया गया है। यह थर्ड जनरेशन की मिसाइल है।
- यह वजन में हल्की और निशाने में अचूक, एक “दागो और भूल जाओ” श्रेणी की मिसाइल है, जो किसी भी तरह के टैंक को नष्ट करने में सक्षम है। यह “नेक्स्ट जनरेशन मेन बैटल टैंक” और किसी भी भारी बख्तरबंद वाहन को नेस्तनाबूद कर सकती है।
- नाग मिसाइल की लंबाई 1.08 मीटर है और इसका व्यास 0.20 मीटर का है। मिसाइल का वजन 43 किलोग्राम है।
- नाग की मारक क्षमता जमीन से दागे जाने पर चार किलोमीटर है जबकि हेलिकॉप्टर से दागने पर पाँच किलोमीटर है। यह 500 मीटर निकट तक के लक्ष्य को भी नष्ट करने में सक्षम है।
- जरूरत पड़ने पर इसकी रेंज को सात किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है।
- यह अपने निशाने पर 240 मीटर प्रति सेकंड की गति से वार करती है।
- नाग “हाई सिंगल शॉट हिट” क्षमता की मिसाइल है। यानि यह एक ही निशाने में दुश्मन के टैंक को नष्ट कर सकती है।
- नाग मिसाइल “पैसिव होमिंग गाइडेंस” प्रणाली से लैस है, जो इसके निशाने को अचूक बनाता है।
- हालांकि इसे हेलिकॉप्टर से भी लॉन्च किया जा सकता है, लेकिन जमीन से लॉन्च करने के लिए ‘नामिका’ नाम का कैरियर बनाया गया है। नामिका एक बीएमपी-2 कैरियर व्हीकल है जिसे ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड, मेढक बनाता है।
- हेलिकॉप्टर से दागे जाने में सक्षम नाग मिसाइल को ‘हेलिना’ (Helina) नाम दिया गया है।
- मिसाइल में चार फोल्डेबल विंग हैं, जो दागे जाने के बाद स्वचालित रूप से खुल जाते है। ये मिसाइल के अपने लक्ष्य तक पहुँचने में सहायक होते हैं।
- नाग मिसाइल में एक रियलटाइम इमेज प्रोससर और एक तेज और उन्नत अलगोरिदम है, जो मिसाइल को लक्ष्य पहचानने और ट्रैक करने में सहायता करता है।
- नाग मिसाइल का मास प्रोडक्शन बीडीएल यानि भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। भारत डायनेमिक्स (BDL) ने ही नाग मिसाइल के लिए इन्फ्रारेड इमेजिंग उपकरण का विकास किया है।