कासाग्रांडे करेगी राम मंदिर का निर्माण, जानिए क्या है ये?

अयोध्या में राम मंदिर का नक्शा पास हो चुका है और अब मंदिर निर्माण के काम में भी तेजी आ रही है। बताया जा रहा है कि 17 सितंबर को पितृ पक्ष के समाप्त होते ही राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए सभी प्रकार का जरूरी साजो समान अभी से जुटाया जा रहा है। मंदिर के स्वीकृत नक्शे के मुताबिक मंदिर की नींव में लगभग 1200 खंभे लगाए जाएंगे, जिनकी ऊंचाई 100 मीटर होगी। ऐसे में इतने भारी भरकम खंभों का निर्माण करना अपने आप में एक चुनौती साबित होने वाली है।

इसी चुनौती से पार पाने के लिए एक भारी भरकम मशीन मँगवाई गई है जिसका नाम है कासाग्रांडे। यह मशीन राम मंदिर की नींव में लगाए जाने वाले खंभों में कंक्रीट भरने का काम करेगी। यह खंभे पूरी तरह कंक्रीट से भरे होंगे और इनमे लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

कासाग्रांडे मशीन की खूबियाँ:

कासाग्रांडे करेगी राम मंदिर का निर्माण
फोटो स्त्रोत: www.heavyequipments.in
88 चक्कों वाली ये मशीन कंक्रीट के खंभों के निर्माण के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह मशीन डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम से युक्त है जिसका उपयोग कर के मशीन का ऑपरेटर अपने केबिन में बैठकर ही मशीन का सारा मूवमेंट देख सकता है और आवश्यकता के अनुसार उसे बंद या चालू कर सकता है। इस मशीन में स्मार्ट पॉवर मैनेजमेंट की भी सुविधा दी गई है, जिससे यह मशीन आवश्यकतानुसार इंजन की क्षमता का उपयोग करती है। इससे ईंधन की काफी बचत होती है। इसके अलावा हाइड्रोलिक सिस्टम का उपयोग करके यह मशीन अतिरिक्त 25 प्रतिशत ईंधन की बचत कर लेती है। साथ ही इसे निर्माण कार्य की जरूरत के अनुसार कस्टमाइज भी किया जा सकता है और गैर जरूरी फीचर्स को हटाया जा सकता है। कासाग्रांडे अपने रखरखाव का ध्यान भी खुद ही रखती है। यानि कि रखरखाव की जरूरत होने पर यह मशीन खुद ही ऑपरेटर को अलर्ट कर देती है।
इस मशीन को जयपुर से पहले कानपुर लाया गया और फिर वहाँ से इसे अयोध्या पहुंचाया गया है। अपने विशाल आकार के कारण यह मशीन अभी राम मंदिर परिसर के बाहर खड़ी है। मशीन को अंदर ले जाने के लिए परिसर के मुख्य द्वार को तोड़ा जाएगा, उसके बाद यह मशीन अपना काम शुरू करेगी।